विस्तार : सीक्रेट ऑफ डार्कनेस (भाग : 23)
उड़ रही घनी स्याहियों के क्षेत्र में निर्वात सा एक स्थान! यदि यहां वायु थी भी तो अब उसके होने का कोई निशान शेष न था। चारों तरफ अंधेरे के बादल ठहरे हुए थे, ऐसा लग रहा था मानो कुछ देर पहले ही उनकी गति शून्य कर दी गयी हो। तभी विस्तार धड़ाम के स्वर के साथ एक ठोस बादल पर तेज गति से आ गिरा और लुढ़कता हुआ कुछ दूर चला गया।
"माना कि तुम हमारी ही तरह विशुद्ध स्याह ऊर्जा से बने जीव हो विस्तार! परन्तु तुम्हें अपनी शक्ति का प्रयोग नही आता और हम सदियों से अपनी शक्तियों का प्रयोग करते आ रहे हैं।" मैत्रा अपनी शक्तियों से डार्क फेयरीज़ की शक्तियों को जोड़कर उसपर वार करते हुए बोली। नियंत्रक की शक्तियां अनियंत्रित होने के पश्चात संयोजक की शक्ति से जुड़ने पर बेहद खतरनाक हो गयी थी। स्याह तरंगों के टकराते ही विस्तार काफी दूर जा गिरा, डार्क फेयरीज़ और मैत्रा के चेहरों पर शैतानी मुस्कान नृत्य करने लगी।
"तुम स्वयं को महाशक्तिशाली समझने की भूल कर रहे हो विस्तार! अन्यथा त्रयी महाशक्ति के संयुक्त होने पर उसका सामना करने कभी नही नही आते।" ऐश उसके तरफ बढ़ते हुए बोली। उसकी आँखें विचित्र प्रकार से चमक रही थी।
"अब अधिक विलम्ब न करो बहनों! विस्तार को एक दर्दनाक मौत की सजा देने का प्रबंध करो।" आँच विस्तार के समक्ष लहराते हुए ठहर गयी। इस निर्वात क्षेत्र में भी उसके बालों की लपटें लहरा रही थीं।
तीनो ने अपनी शक्तियों को पुनः एक कर विस्तार पर स्याह ऊर्जा तरंगों से वार किया। अब तक विस्तार उठ चुका था उसकी आँखों में ज्वाला धधक रही थी, उसके सम्पूर्ण शरीर से स्याहियां उड़ने लगी। उसने अपने हाथों को मोड़कर क्रॉस बना दिया, डार्क फेयरीज़ एवं मैत्रा का संयुक्त ऊर्जावार विस्तार से टकराते ही छिन्न-भिन्न हो गया। यह देखते ही मैत्रा को बड़ा आश्चर्य हुआ।
"तुम सब यह नही जानती की तुम्हारा सामना किससे हो रहा है मूर्खों की रानियां! मैं स्वामी नराक्ष का परम् अनुचर हूँ और उनकी आज्ञा से तुम्हारा नाश करने आया हूँ।" विस्तार के शरीर से स्याहियां निकलकर ऐश की तरफ बढ़ी। ऐश चुपचाप अपने ही स्थान पर रही, उसे विस्तार के वार से कोई प्रभाव नही पड़ा।
"तुम हमारी शक्तियों से सर्वथा अनभिज्ञ हो विस्तार! अन्यथा हमसे टकराने की कोशिश भी न करते!" आँच अपने दोनों हाथों को जोड़कर विस्तार पर हमला की परन्तु उस वार का विस्तार पर कोई प्रभाव नही पड़ा।
"ये कैसे सम्भव है?" मैत्रा हैरान थी, उसे कुछ कुछ याद आने लगा था जिस कारण से उसकी शक्तियां लुप्त होने लगी, उसकी स्मृतियों के कारण वह बेहद कमजोर होने लगी थी।
"अपनी मृत्यु के लिए तैयार हो जाओ डार्क फेयरीज़!" कहते ही विस्तार उन दोनों पर झपट पड़ा और तेज गति से उसे क्षेत्र से बाहर निकलकर विशाल पहाड़ो को तोड़ते हुए दूर निकल गया।
"इससे हमें कोई प्रभाव नही पड़ेगा विस्तार! हमें यहां अंधेरे के नियंत्रण एवं आबंटन का कार्यभार सौंपा गया है।" ऐश अपनी पूरी शक्ति से विस्तार के सिर पर प्रहार की जिससे उसका सिर नष्ट हो गया, अचानक ऐश भी लड़खड़ाने लगी।
"क.. क्या हुआ ऐश!" आँच घबराते हुए उसके पास पहुँच कर बोली।
"ये हम नही हैं आँच! हमारे मष्तिष्क पर किसी और का नियंत्रण है। हम युद्ध के लिए नही शक्ति सुरक्षा के लिए स्थापित की गईं हैं।" अपनी शक्तियों का सम्पूर्ण अंश प्रयोग कर देने से वह शायद शक्तिहीन हो गयी थी परन्तु ऐसा होने का कोई अवसर ही न था। ऐश की बातों से लग रहा था कि उसकी स्मृतियां भी लौट रही हैं जिस कारण वह कमज़ोर पड़ रही है।
तब तक विस्तार का सिर पुनः उठ चुका था, अंधेरी दुनिया की कोई भी शक्ति विशुद्ध स्याह ऊर्जा को नष्ट नही कर सकती है। विस्तार चीखता हुआ उन दोनों की तरफ बढ़ा, आँच ने अपनी पूरी शक्ति लगाकर उसे रोकने की कोशिश की।
"तुम रुक जाओ विस्तार! हमारे इस युद्ध के कारण साफ दुनिया तबाह हो जाएगी। जो द्वार तुमने खोला है उससे हमारी शक्तियां इस दुनिया से ज्यादा उजाले की दुनिया में प्रभाव डाल रही हैं।" ऐश विस्तार को रोकने का प्रयत्न करती है। परन्तु विस्तार की स्याह ऊर्जा उसे बांधकर वही पटकने लगती है।
"ये तुम्हारी वजह से हो रहा है विस्तार!" आँच तेज गति से उड़ते हुए, विस्तार को एक विशाल चट्टान पर पटकते हुए बोली। "तुम समझ नहीं रहे हो तुमने ये क्या कर दिया है!" आँच के स्वर में चिंता स्पष्ट थी परन्तु विस्तार का ध्यान उन्हें समाप्त कर देने में लगा हुआ था।
"बस बहुत हुआ..!" विस्तार जोर से चिल्लाकर बोला, डार्क फेयरीज़ उसका यह रूप देखकर घबरा गयीं। 'हीरे को हीरा ही काटता है इसलिए विशुद्ध एक स्याह ऊर्जा धारक को दूसरा विशुद्ध स्याह ऊर्जा धारक समाप्त कर सकता था।' यह समझते डार्क फेयरीज़ को तनिक भी देर न लगी परन्तु उनकी स्मृतियां उन्हें विस्तार और वार करने की अनुमति न दे रही थी। न जाने क्यों वह उन्हें अपना सा लग रहा था।
"बहुत सुन चुका तुम्हारी बकबक…!" विस्तार अपनी पूरी ऊर्जा से उन दोनों पर प्रहार किया, दोनों विस्तार के क्रोध की अग्नि को भभकते देख रही थीं उनको अब समझ न आ रहा था क्या करें। वह ऊर्जा डार्क फेयरीज़ को छूने ही वाली थी कि तभी मैत्रा वहां आकर उन दोनों को बचा ली।
"तुम समझ नही रहे विस्तार! हम तीनों के सम्मिलित शक्तियों का सामना तुम नही कर सकते परन्तु वह सत्य नही है जो तुम जानते हो। तुम किसी नराक्ष के गुलाम नही हो।" मैत्रा चीखते हुए बोली।
"झूठ मत बोलो।" विस्तार चीखा। "मेरा अस्तित्व ही नराक्ष से है!"
विस्तार ने उन तीनों पर अपनी सम्पूर्ण स्याह शक्ति से हमला किया, अचानक वह शक्तियां वापस लौटते हुए उसी के शरीर में समा गया।
"यह क्या हुआ?" विस्तार आश्चर्यचकित था।
"तुम स्वयं के बहनों को मारने जा रहे थे पुत्र! तुम्हारे इस वार से उजाले की दुनिया पूरी तरह नष्ट हो जाती।" वातावरण में एक स्वर उभरा। विस्तार की आँखे हल्के से बंद हो गयी, अब वह अचानक से बिल्कुल अलग स्थान पर था, वहां चारो तरफ दिव्य प्रकाश था उसका शरीर विस्तार से के ब्रह्मेश के रूप में परिवर्तित होने लगा। उसके शरीर से दिव्य प्रकाश स्फुटित हो रहा था जिसे धीरे धीरे अंधेरा घेरने लगा था।
"यह क्या हो रहा है मैं कहाँ हूँ?" विस्तार जो कि अब ब्रह्मेश बन चुका था घबराए हुए स्वर में बोला।
"तुम स्वयं के मस्तिष्क में हो पुत्र!" दूर से एक स्वर आया जहाँ से दिव्य प्रकाश उत्पन्न हो रहा था।
"आचार्य आप?" ब्रह्मेश हैरान था। "ये मेरे साथ क्या हो रहा है आचार्य मुझे बचा लीजिए।" वह घबरा चुका था और गिड़गिड़ाने लगा।
"तुम्हें अपनी नियति को स्वीकार करना ही होगा पुत्र!" आचार्य से प्रेम से उठाकर गले से लगाते हुए बोले।
"परन्तु आचार्य!" ब्रह्मेश के आँखों से आँसुओ की धार बह निकली।
"यही नियति है पुत्र! उसे स्वीकार करो।" आचार्य उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोले।
"मैं इसे नियंत्रित नही कर पा रहा हूँ आचार्य! मैं जानता हूँ मेरे मस्तिष्क में आने पर आपको कितना दर्द हो रहा होगा।" ब्रह्मेश कि आँखों से आँसुओ की धार बह रही थी।
"यह दर्द उस दर्द से ज्यादा नही है पुत्र! जिसे तुमने अनजाने में ही इस दुनिया को दिया है।" आचार्य उसके कंधो को अपने हाथों से पकड़े हुए थे।
"हमेशा की तरह मेरा आज भी मार्गदर्शन कीजिये आचार्य! बताइये मैं क्या करूँ?" ब्रह्मेश स्वयं को संभालते हुए बोला।
"वह सब ठीक करो पुत्र जो तुमसे अनजाने में नराक्ष के वश में आकर हुआ है, अंधेरे का द्वार बंद कर दो क्योंकि तुम्ही कुंजी हो और इस बार द्वार बंद होने पर उन सभी शैतानों की शक्तियां भी निम्न हो जाएंगी।" आचार्य वहां से दूर जाने लगे।
"क्या मैं यह कर सकूंगा?" ब्रह्मेश की आँखों में अविश्वास झलक रहा था।
"अवश्य कर सकते हो पुत्र! कुंजी का यही कार्य होता है। हम सबकी नियति पूर्व निर्धारित है।" आचार्य उसे स्वयं पर विश्वास दिलाने की कोशिश करते हुए कहा। "तुम्हें जब भी आवश्यकता होगी मैं तुम्हारा मार्गदर्शन करूँगा और अब डार्क फेयरीज़ एवं मैत्रा को होश आया गया है अब वे भी तुम्हारी सहायता करेंगी। अब दोनों दुनियाओं को बचाने का उत्तरदायित्व तुम्हारे ऊपर है"
"मैं दोनों दुनियाओं को बचाने के लिए यह अवश्य करूँगा आचार्य!" ब्रह्मेश बोला, उसका शरीर प्रकाश से भर गया अचानक से वह रोशनी अंधेरे में परिवर्तित हो गयी। विस्तार वहीं प था जहां कुछ समय वह पहले था, डार्क फेयरीज़ या मैत्रा ने उसपर कोई वार नही किया था बल्कि उसके अचेत शरीर की सुरक्षा कर रही थी। विस्तार उठा और अपने चारों तरफ देखा।
"यह मैंने क्या कर दिया है…!" उसे स्वयं से ग्लानि होने लगी।
"अब भी सब ठीक हो सकता है विस्तार!" मैत्रा ने उसे आश्वासन दिया।
"पर कैसे..?" विस्तार हैरानी से पूछा, अब उसके पास ब्रह्मेश की स्मृतियां नही थी। उसे अब स्वयं पर ही ग्लानि हो रहा था।
"जैसे तुम्हें बताया गया है।" ऐश ने कहा।
"पर मैं क्या करूँ?" विस्तार को कुछ समझ नही आ रहा था।
"तुम नराक्ष से कह दो कि हमें समाप्त कर दिए!" आँच बोली।
"क्या मतलब!" विस्तार हैरान हुआ।
"तुम नराक्ष से कहो। यही बात हम ग्रेमन से कहेंगे। उनका ध्यान हम चारों से हट जाएगा फिर हम द्वार बंद करने का और दुनिया में हुई तबाही को दूर करने का कोई उपाय ढूंढ लेंगे।" ऐश उसे समझाते हुए बोली।
"अब इस दुनिया पर नियमों को फिर से लागू करने का समय आ चुका है विस्तार!" मैत्रा उड़ते हुए उसके समक्ष आकर बोली।
विस्तार ने सहमति में सिर हिलाया और उड़ता हुआ एक ओर बढ़ गया।
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"सुपीरियर आर्मी और सुपीरियर लीडर को नष्ट कर ज्यादा खुश मत हो डार्क लीडर!" वीर, खुशी से भरे डार्क लीडर और उसकी दोनो महान सेनाओं के रास्ता रोककर खड़ा था। डार्क लीडर अपनी सेना सहित नराक्ष के क्षेत्र में प्रवेश कर चुका था।
"यदि उनसे मिलने की इतनी ही इच्छा हो रही है तो वही भेज देता हूँ वीर!" डार्क लीडर दहाड़ा जिससे वहां के पर्वत हिलने लगे।
"तुम अपनी इस सेना के दम पर मेरा क्या बिगाड़ लोगे डार्क लीडर!" वीर जमीन से काफी ऊपर उठ गया, वहां के पेड़ पौधे मदमस्त होकर हिलने-डोलने लगे।
"क्या तुम नृत्य के शौकीन हो वीर!" डार्क लीडर ने कटाक्ष किया। उसके इतना बोलते ही डेड डीमन्स और डार्क गार्ड्स की सेना अकेले वीर के तरफ बढ़ी।
"हाँ बिल्कुल! अब आओ तुम्हें तुम्हारी बर्बादी का नृत्य दिखाऊ!" वीर हवा में और ऊपर उठता गया, वहाँ एक-एक पेड़-पौधा घास मदमस्त होकर झूमने लगा। डार्क गार्ड्स की सेना वीर के पास पहुँचने वाली थी, वीर जमीन पर उतरते हुए एक घुसा मारा, फिर तो जैसे जमीन ही फट गई पेड़ पौधों की जड़ो ने डेड डीमन्स को अपनी जकड़न में लेना आरम्भ किया और डार्क गार्ड्स की सेना से वीर अकेले ही टकरा गया। डार्क लीडर बैठकर अट्ठहास कर रहा था अचानक वह भी हवा में लहराकर ऊपर उठा।
"तुम नही जानते कि तुम क्या कर रहे हो वीर!" डार्क लीडर चिल्लाते हुए बोला। अचानक पहाड़ के ऊपर से तेज स्वर में गड़गड़ाहट होने लगी, वीर यह आवाज सुनकर सन्न रह गया।
डेड डीमन्स की सेना जड़ो से आजाद होती जा रही थी, डार्क गार्ड्स का अकेले सामना कर पाना वीर के लिए बहुत मुश्किल हो रहा था। अचानक उसके हाथ हवा में घूमें, जमीन पर उगी स्याह घास हवा में लम्बा होते हुए लहराई और एक साथ कई डार्क गार्ड्स को टुकड़ो में काटती गयी। इससे पहले की कोई सम्भल पाता तीव्र गति से काटते-काटते घासों का वह समूह डार्क गार्ड्स की सेना को तबाह कर चुका था। पेड़ो के जड़ो ने डीमन्स को दुबारा कैद कर लिया जिसे वे लगातार तोड़े जा रहे थे।
"तुम ये कैसे कर सकते हो?" डार्क लीडर हैरान हुआ। उसे वीर की इन महान शक्तियों के बारे में कुछ ज्ञात नही था।
"जैसे तुम देख रहे हो डार्क लीडर!" वीर डेड डीमन्स की धज्जियाँ बिखेरते हुए बोला। अब डार्क लीडर की मुट्ठियां कसकर भींचने लगी थी। पहाड़ों से गड़गड़ाहट बढ़ती जा रही थी। तेजी से लुढ़क रही चट्टानें वीर और डेड डीमन्स के साथ जो भी रास्ते में आया हरेक को कुचलते हुए निकल गयी।
"तुम ये कैसे कर सकते हो!" वीर सम्भलते हुए उठकर ऊपर उठते हुए बोला।
"जैसे कि तुम देख रहे हो!" डार्क लीडर ने उसओर तेज उर्जावार किया जिस कारण वह परकटे पंछी की भांति पुनः जमीन पर गिर गया। चट्टानों के समूह उसके उर से गुजर गया। वातावरण में डार्क लीडर की अट्ठहास गूँजने लगी।
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"मैंने काफी लंबे समय से इस समय का प्रतीक्षा किया है ग्रेमन!" नराक्ष कि चेहरे पर शैतानी कुटिल भाव थे।
"तुम अब के बाद किसी का भी प्रतीक्षा न कर पाओगे नराक्ष!" ग्रेमन क्रोधित स्वर में बोला, उसके अंग अंग से ऊर्जा तरंगे लहरों के सदृश्य चमकते हुए घूम रही थीं।
"अब अंत का समय आ गया है मूर्ख..!" नराक्ष शक्तिशाली वार करता हुआ बोला।
"अंत..! हाहाहा।" ग्रेमन अट्ठहास कर रहा था।
क्रमशः…..
Kaushalya Rani
25-Nov-2021 10:16 PM
Wow great part
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Farhat
25-Nov-2021 06:35 PM
Good
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